न जाने कहाँ से जन्म लेते इतने सवाल
न जाने क्यूँ अंतस में उठते हैं इतने सवाल
वक़्त पैदा करता है या हालात जन्म देते हैं सवालो को?
सवाल जो अनसुलझे रह जाते हैं
सवाल जो अपने आपमें कितना कुछ कह जाते हैं
सवाल जिनके कोई जवाब नहीं होते
सवाल जो कचोटते रहते हैं मनं को जागते -सोते
सवाल जिनके जवाब एक नया सवाल खड़ा कर देते हैं
सवाल जो एक छोटी सी बात को बड़ा कर देते हैं
सवाल जो कभी झूठ पर से पर्दा हटा देते हैं
सवाल जो अस्तित्व पर भी प्रश्नचिन्ह लगा देते हैं
सवाल जिनका जवाब जानकर भी हम किसी से जवाब की अपेक्षा करते हैं
सवाल जिनके जवाब अपने अनुसार देकर हम खुद को संतुष्ट करने की कोशिश करते हैं
सवाल जो बस उठ जाते हैं कभी मजहब,कभी नाम पर ,कभी चरित्र तो कभी ईमान पर
सवाल जो असीमित हैं,जिनका दायरा कभी ख़त्म ही नहीं होता
सवाल जो प्रश्नचिन्ह लगा देते हैं हर विश्वास के आगे
सवाल जो सबसे बड़ा है वो ये की कहाँ से आते हैं ये सवाल और क्यूँ इन सवालो का कोई अंत नहीं होता ???????